जिंदगी एक दरिया है और हम सबको इसे पार करना है, चाहे हंस कर या रोकर, तो दोस्तों उसे क्यों ना हंसते हुए जिया जाये। जैसे-जैसे इंसान की जिंदगी बीतती है उसे अनेको मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। और जैसे दिन उदय होता है एक नई आशा जगती है, और होंसला भी बढ़ता है,
और हमारा दिल कहता है कि हमे हमारी मंजिल अवश्य मिलेगी। यही सोच हमे निश्चिंत होकर आगे बढ़ने की हिम्मत देती है।
लगता है जिंदगी एक दुःख और सुख दो किनारे रूपी नदी है। और जैसे नदी में लहरे कभी ऊँची और कभी नीची उठती हैं उसी तरह सुख और दुःख आते हैं।
लेकिन हमें हमेशा हंसते हुए अपनी मंजिल की और चलते रहना चाहिए और हमेशा हम खुद भी मुस्कुराएं साथ ही दूसरों के चेहरों पर भी मुस्कराहट दें।
मेरा ये कहना है कि हम हमेशा दूसरों का बहाना लेकर अपना दिन खराब करते हैं। कि उसने मुझे ऐसा कहा, वैसा कहा। मेरा मानना है कि हम जानते हैं हम कैसे हैं। तो बस खुद को जाने और प्यार करें। ज़िंदगी का यही मंत्रा है-
https://youtu.be/DlwAlkujJ1M
जिंदगी जैसे इक बहती धारा,
दुःख और सुख इसके किनारे,
हरदम हरपल हंसता चेहरा,
जैसे बादलों में झांके सवेरा,
प्यार खुद से तू करता चल
ओ साथी मंजिल की और बढ़ता चल,
सीखा मैंने ज़िंदगी से हरफ़ल
आज मे ही रहना
कल क्या हुआ
कल क्या होगा
इसका मुझे क्या करना
खुशी मिले जो मुट्ठी भर
उसको मैं चुन लूँगी
खुद पर कर भरोसा मैं
मंज़िल अपनी पा लूँगी
मेरी खुशियाँ हैं मुझसे ही,
आस नहीं किसी की करनी अब
प्यार खुद से करना आस खुद से करनी
फिर क्या दुख क्या गम
मुझसे ही हूँ मैं और मुझसे ही हूँ हम…..
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