"नमक-गैरजरूरी भोजन,फायदे और नुकसान"

नमक-गैरजरूरी भोजन,फायदे और नुकसान-

नमक-गैरजरूरी भोजन,फायदे और नुकसान-

नमक हमारे भोजन का सबसे जरुरी अंग है। परम्परागत रूप से हम नमक का जरुरत से ज्यादा सेवन करते हैं, कुछ लोगों को तो ये भ्रान्ति भी है कि  नमक कम खाने की स्थिति में उन्हें कमजोरी आ सकती है। '


बिना नमक के भोजन असम्भव है' इस तरह की धारणा प्रचलित है, इसी वजह से हमारा कोई भी भोजन (सिवा मिठाई के) नमक रहित होता है। हम प्राकृतिक रूप से स्वादिष्ट खाद्यों और विभिन्न सलाद और यहाँ तक कि फल  पर भी नमक  बुरक कर खाते हैं। 




भोजन के साथ नमक का सेवन करने की वजह से हमारी किडनी को मूत्रनिर्माण की क्रिया के दौरान भारी मेहनत करनी पड़ती है। हमारे रक्त से नाइट्रोजन युक्त अवशिष्ट पदार्थ और पानी (ये दोनों मिलकर मूत्र बनाते हैं) को अलग करने के लिए किडनी की क्रियात्मक इकाई की नाजुक झिल्लियों पर दबाव पड़ता है.


भोजन में नमक की मात्रा अधिक होने से  मौजूद सोडियम और क्लोराइड के बार-बार  झिल्लियों के आर-पार गुजऱने से ये कमजोर हो जाती हैं। धीरे-धीरे इस प्रक्रिया से किडनी ही कमजोर होने लगती है,और फलस्वरूप किडनी fail या निष्क्रिय हो जाती है।


अधिक नमक की उपस्थिति हमारे शरीर में कैल्शियम  के शोषण को रोक देती है। सबसे बड़ी बात यह है कि नमक की अधिकता शरीर में बहुत से रोगों के उपजने का कारण  बनती है।  


 

नमक की आवश्यकता :


 

हमारे शरीर को नमक की कुल 1/2 ग्राम की प्रतिदिन जरुरत होती है, जो हमे केवल 50 ग्राम किसी भी सब्जी-भाजी से मिल जाता है। वास्तव में रोजाना आहार में ली जाने वाली सभी साग-सब्जियों तथा फलों में अन्य खनिज लवणों के साथ-साथ सोडियम व क्लोराइड भी पर्याप्त मात्रा में उपस्थित होता है.


अतः दैनिक नमक (सोडियम क्लोराइड) की आवश्यक पूर्ति  हमें भोजन से ही मिल जाती है। 



नमक की अधिकता हानिकारक : 


अगर हम नमक की अधिकतम मात्रा का सेवन करते हैं तो अनेक रोग जैसे अनिद्रा (sleepless), सिरदर्द (headache), रक्तचाप ( blood-pressure), आधासीसी, त्वचा रोग(skin allergy), कान, यकृत सम्बन्धी रोग, तनाव  सन्धिवात (paralysis), किडनी रोग, आदि से ग्रसित हो जाते हैं।


विदेशों में आहार सम्बधी विशेषज्ञों द्वारा सिद्ध हुआ है कि कैंसर जैसी घातक बीमारी का भी कारण  नमक की अधिकता है। एक चिकित्सक  ने रक्त कैंसर की मरीज को नमक और शक्कर का सेवन बन्द करने को कहा, कुछ समय बाद उसकी कैंसर की गाँठ छोटी पायी गयी। आहार शास्त्रियों ने तो नमक को सफेद जहर तक कह डाला। 


 

नमक किसके लिए जरुरी: 


यह सत्य है कि ज्यादा कठोर परिश्रम करने वालों को अधिक नमक की जरूरत होती है, क्योंकि परिश्रमी व्यक्ति के शरीर से पसीने द्वारा नमक की कुछ मात्रा निकल जाती है।


जिसकी पूर्ति भोजन में नमक खा कर पूरी की जानी चाहिए। वरना शरीर में दर्द, थकावट, और कमजोरी महसूस होगी। 


 

नमक बन्द करने के फायदे:


अगर आप आहार में नमक बन्द कर देंगे तो आपको नींद अच्छी आएगी, अनिद्रा का रोग दूर होगा। उच्च रक्तचाप (high blood pressure) के रोगियों का रक्तचाप सामान्य होगा, दैनिक भोजन में नमक बन्द करने या उसकी नियंत्रित मात्रा लेने से सामान्य स्वास्थ्य में भी लाभ होता है.


सेवन बन्द करना तो सम्भव नहीं है लेकिन धीरे-धीरे हम इसे कम कर सकते हैं, हमे खाद्यों को अपने प्राकृतिक स्वाद में ही खाने की आदत डालनी चाहिए। जैसे फलों अमरुद, तरबूज, आदि (एवम सलाद ककड़ी, गाजर, प्याज, मूली,टमाटर में नमक डालकर नहीं  खाना चाहये.


इससे नमक के सेवन में तो कमी आएगी ही साथ ही हम प्राकृतिक स्वाद का विलक्षण लाभ ले सकेंगे। रोटी के आटे में, चावल में नमक बिलकुल भी नहीं डालना चाहिए। ऐसा करने से धीरे धीरे नमक की आवश्यकता भी कम हो जाएगी। दालों और सब्जियों में धीरे-धीरे नमक कम करते हुए बन्द करने की आदत डालिये और स्वस्थ रहिये।                                   

आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि  आपको ये लेख लाभप्रद लगा होगा, आपके सुझावों और comments का मुझे इन्तजार रहेगा। 





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