महिलाओं में कमरदर्द कारण और खास सावधानियाँ

महिलाओं की जो बीमारियां सबसे ज्यादा परेशान करती है, उनमे से एक बीमारी कमर दर्द  या पीठ का दर्द भी है। आखिर ये परेशानी क्यों होती है, इसको अगर गहराई से देखा जाये तो पता चलेगा कि इसका कारण बहुत छोटी-मोटी लापरवाही या गलतियां ही सामने आएंगी। जो धीरे-धीरे ये ही  बडी होकर भयानक रूप ले लेती हैं, और इस रोग की जड़ बनती हैं।


आज के इस modern वक़्त में अधिकतर महिलायें कमर दर्द या पीठ दर्द की बीमारी से परेशान रहती हैं, और ये सब समझने में ही बहुत वक़्त निकल जाता है।


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 महिलाओं में कमरदर्द कारण और खास सावधानियाँ


 

इसके कई कारण होते हैं:-





  • श्वेतप्रदर होना: 




 प्रायः ज्यादातर महिलाओं को श्वेतप्रदर और रक्तप्रदर का रोग होता है, श्वेतप्रदर के भी अनेकों कारण हैं, रन-सहन और खान -पान और सामाजिक वातावरण का दुष्प्रभाव इंसान पर इस तरह पड़ता है कि वो उसके शरीर को दीमक की तरह खत्म कर देता है।


जब तक श्वेतप्रदर की बीमारी रहती है कमर दर्द खत्म नहीं होता और जीवनभर रहता है। 





  • रक्तप्रदर होना:




इसी तरह रक्तप्रदर से भी महिलाएं परेशान रहती हैं, मासिक स्राव में अनियमितता आने से महीने भर रक्त आता रहता है। और ये बहुत अधिक दुर्गध लिए होता है, इसके कारन कमर दर्द इतना होता है कि  रोगी का उठना-बैठना मुश्किल हो जाता है।


घर-ग्रहस्थी के कार्यों में उचित सन्तुलन ना होने और गलत मुद्रा में बैठने से भी कमी दर्द हो जाता है। अधिक देर बैथे रहने की आदत बना लेना भी एक बड़ा कारण है।





  • एलोपथी दवाओं का दुष्प्रभाव:




इन दोनों कारणों के अलावा पीठ दर्द दवाओं का दुष्प्रभाव भी होता है, आज जैसे-जैसे विज्ञान विकसित होता जा रहा है, वैसे ही ये मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। चाहे नई-नई ऐलोपैथी की दवाओं का विकास हो रहा है लेकिन आजकल डॉक्टर जल्दी आराम पहुँचाने के चक्कर में ये दवाएं कई शारीरिक विकार को पैदा कर देती हैं।


दवाओं के कारण हो रही एलर्जी, रक्त की कमी या एनीमिया, कैंसर आदि आम तौर पर देखने को मिलते हैं। कई बार एलोपैथी की दवाओं के बुरे प्रभाव  कारण हमारे गुर्दे तक ख़राब हो जाते हैं।


कई बार अंधेपन की बीमारी भी हो जाती है। बहुत सी दवाओं का असर मरीज के शरीर पर गम्भीर प्रभाव छोड़ता है।





  • सिजेरियन डिलीवरी:




गर्भावस्था में आपरेशन के दौरान(सिजेरियन) बेहोश करने के लिए पीठ के पीछे हड्डियों में इंजेकशन लगाया जाता है, इससे 40% महिलाओं में पीठ का या कमर का दर्द विकसित हो जाता है।


बेहोश करने की इस विधि को स्पाइनल  अनस्थिप्सिया या एवीड्यूरल  एनस्थीसिया कहा जाता है। वैसे तो डॉक्टर्स इस बात को मानते भी हैं कि  ये सही है लेकिन उन्हें कोई दूसरा रास्ता नजर नहीं आ रहा क्योंकि इसके लिए उन्हें डिलीवरी के वक़्त पुरे शरीर को सुन्न करना होगा। 


एक तो डिलीवरी के वक़्त महिला वैसे भी बहुत मुश्किल दौर से गुजर रही होती है और फिर उसकी पीठ अपर इंजेक्शन लगाकर बेहोश करना जिस कारण उसकी मांसपेशियां बहुत कमजोर पड़ जाती हैं और तन्तुओं(tissues) के टूटने का डॉ रहता है और फिर कमर या पीठ दर्द शुरू होता है।


और मरीज़ हमेशा के लिए इस दर्द से परेशां रहता है। ये भी निश्चित नहीं है कि  आपरेशन के बाद कितने वक़्त तक ये दर्द ठीक होगा। इसलिए स्पाइनल एनस्थीसिया सिर्फ योग्य और अनुभवी डॉक्टर से ही दिलाया जाये इस बात का खास ध्यान रखा जाये।





  • ठंड लगना:




कई बार अधिक ठंड की स्थिति  में भी कमर दर्द शुरू हो जाता है।





  • कमर में चोट लगना:




कुछ महिलाओं की कमर पर किसी कारणवश चोट लग जाती है और आगे चलकर यही चोट भयंकर कमरदर्द का रूप ले लेती है। 





  • मोटापा:




जब कोई महिला बहुत अधिक वजन वाली होती हैं तो उनकी कमर पर भी चर्बी की मात्रा बढ़ जाती है, इस कारण कमर दर्द होने लगता है।



♥ कमरदर्द से निजात के लिए क्या करें:


कमर दर्द या पीठ दर्द के रोगियों को नींम बातों का ध्यान रखना चाहिये-




  • इसके मरीज को सायकिल और दो पहियों वाले वहां चलना बन्द कर देना चाहिए।

  • बहुत ज्यादा भरी वजन उठाने से हमेशा बचना चाहिए।

  • उड़द दाल और दही का सेवन ना करें।

  • सोने के लिए गद्देदार बिछोने का त्याग करे, सख्त और कड़े बिस्तर का उयोग करें।

  • खाने में कहते, अचार, लालमिर्च, निम्बू और गर्म मसाले का प्रयोग बिकुल ना करें।

  • रोगी को हल्का-फुल्का व्यायाम करते रहना चाहिए।


वैसे हर बीमारी का इलाज़ होता हैकमर दर्द का भी है। होमियोपैथी, आयुर्वेदिक और एलोपैथी  सबमे इसका इलाज़ सम्भव है, लेकिन किसी भी दवा का सेवन करने से पूर्व अनुभवी चिकित्सक से जरूर परामर्श लें, बिना परामर्श के ली गयी दवा आपको फायदे की जगह नुक्सान दे सकती है।


तो आप समझ ही गए होंगे कि  कमर दर्द  में सावधानी ही आपकी सुरक्षा करती है, आप अपना ध्यान रखें और स्वस्थ रहें।


आपको ये लेख लाभदायक लगे तो मुझे सुझाव अवश्य दें, मुझे आपके सुझाव और comments का मुझे इन्तजार रहेगा।


 


 


8 टिप्पणियाँ

  1. […] 1. एकपादविराम आसन(One Legged Prayer pose) 2. पाश्र्वत्रिकोण आसन(Triangal Pose) 3. हस्तपादगुप्त आसन   यह भी देखें कमर-दर्द से कैसे बचें महिलाएं […]

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  2. […] हैं, शोधों के द्वारा माना गया है कि  जो महिलाएँ स्किम दूध (skimmed milk) या बिना मलाई वाला दूध […]

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  3. […] “महिलाओं में कमरदर्द कारण और खास साव… “हल्दी के 10 बेहतरीन स्वास्थ्य लाभ (10 Health Benefits Of Turmeric In Hindi) “ […]

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