What do you think about yourself? Share your views. #yourself

"मैं कौन हूँ"  कितना दिल छूने वाला एक अहसास है. मेरा अस्तित्व क्या है. ये अहसास जगाने वाली आवाज हर किसी को कभी न कभी जरुर सुनाई देती है. मुझे भी यही आवाज हमेशा से सुनाई देती. मैंने भी खुद को उम्र के पड़ाव के साथ अलग-अलग रिश्तों में जुड़ा पाया. और फिर भी मेरा सवाल वहीँ का वहीँ रहा. 


 

What do you think about yourself? Share your views. #yourself



"मैं कौन हूँ" 


कोई ये बता दे


मैं कौन हूँ ,


क्यों हूँ मैं,


यकीन नहीं खुद पे


मुझको कि


मैं हूँ भी कि नहीं हूँ.


और ऐसे मैंने अपनी जिन्दगी में खुद को तलाशा.


जबसे मैंने है होश संभाला,
तबसे था मेरी आज़ादी पर ताला,
पैदा हुई तो कहाँ थाली की झंकार थी,
ठीकरा फोड़ा गया रोने की किलकार थी,
भाई को मिला प्यार-दुलार अपार,
मुझे मिली तो सही पर दुत्कार,
पर पता नही क्या था मुझमे,
जब भी जंजीरों का अहसास,
कुछ ज्यादा होता था तो,
कुछ ज्यादा होता था महसूस,
कुछ कर गुजरने को हो जाती थी आतुर,
ये ही खूबी कहो या खामी लेकर,
पार करती रही उम्र के पडाव,
और वो दिन भी आया जब सपने होते हँ रंगीन,
आँखों में लिए सपने आई पीया के द्वार,
हाँ-हाँ कहते अच्छे बीते कई बरस,
पर फ़िर वो ही बचपन की खामी,
सीमायें तोड़ जाने की अपनी शक्ति,
बंधे हाथों ने दी उड़ने की स्वीकारोक्ति,
पैरों की इन बेडियों ने दिए गगनचुम्बी,
होंसले, जो रहे सालों दिल में छिपे,
सच पूछो यारों इन ठोकरों ने ही,
जिंदगी गतिशील हसीं की है,
जब भी अपनों ने मुझे,
मेरे अस्तित्व को नकारना,
मिटाना, दबाना चाहा है,
मुझे मेरी अपनी पहचान और भी,
निखर कर, उभर कर मिली है.


मैं सच कहूँ या रहूँ चुप,


दिल खोलूं या तोड़ दूँ,


बोलो मैं हद करूँ या बस करूँ,


मैं जिद करूँ या छोड़ दूँ.

10 टिप्पणियाँ

  1. बेहतरीन खूबसूरत अनुपम कृति

    जवाब देंहटाएं
  2. @pushpendra dwivedi
    आपका धन्यवाद जी.

    जवाब देंहटाएं
  3. Ji shukriya apka, honsla dene ke liye.

    जवाब देंहटाएं
  4. @shoma abhyankar
    shukriya apko meri poetry achi lagi. Maine apki site visit ki, aap bhi bahut khub likhti hain.

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने