“जीवन- मंत्र”
पाना है गर असीम आनन्द,
पानी है गर निस्तब्ध शांति,
पाना है गर अन्नंत सुकून,
पानी है गर चरित्र कांति,
पाना है गर जिंदगी लक्ष्य,
पानी है गर अविरल कीर्ति,
पाना है गर अथाह प्यार,
पानी है गर सदैव अटल जीत,
पाना है गर कुंदन सा भाग्य,
पानी है गर सबकी दिली दुआएं,
तो बस ये सब पाने को तुझे,
रखना होगा संयम तो अपार,
करना होगा त्याग बेशुमार,
तब होगी सूने जीवन में बहार,
तब है तेरा ही तो ये संसार,
Bahut khub
जवाब देंहटाएंबेहतरीन खूबसूरत रचनात्मक अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएं@ pushpendra dwivedi
जवाब देंहटाएंजी आपका धन्यवाद
आपको रचना पसंद आई.
@ DURGA PRASAD DASH
जवाब देंहटाएंThanks Sir.
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