
ज्यों -२ दिन चढ़े,
त्यों-२ होंसला बढे,
पल-२ ये दिल कहे ,
हर मंजिल मेरी मुझे मिले,
ज्यों-२ रात कटे ,
त्यों-२ मुश्किलें बढे ,
जब -२ हों परीक्षा में सफल,
तब-२ लगता जीवन है सुफल,
जब देखे चेहरा निराशा का,
तो लगे ये जीवन का है अंत .
सर-सर करती जैसे हवा चले,
फ़र-२ करती ये जिन्दगी बहे,
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