योगासन करने के फायदे, Health Benefits Of Yoga In Hindi



    "योगासन करने के फायदे, Health Benefits Of Yoga In Hindi"





योग आसनों का अभ्यास नियमित करने से सिर्फ हमारा शरीर ही स्वस्थ नहीं रहता बल्कि हमारा मन भी सन्तुलित और एकाग्र रहता है। अगर आप योग को एक कसरत समझ कर न करें बल्कि उसे मन को एकाग्र करके शरीर के अंगों पर केंद्रित करें। जिससे मन में इधर-उधर के विचार ना आएं, और हमारा मन एक जगह स्थित रहे। जब हम योग करते हैं तो हमारा मन तो स्वस्थ होता ही है साथ ही शरीर भी चुस्त-दुरुस्त रहता है। तो दोस्तों आज हम मन को एक जगह टिकाने और एकाग्र करने के आसनों के बारे में जानेंगे:-





                                         योगासन करने के फायदे, Health Benefits Of Yoga In Hindi.



मन को सन्तुलित करने में सहायक आसन निम्न हैं:



1. एकपादविराम आसन(One Legged Prayer pose)

2. पाश्र्वत्रिकोण आसन(Triangal Pose)

3. हस्तपादगुप्त आसन

 

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1 . एकपादविराम आसन :-



दोनों पैर मिलाकर खड़े हो जाएँ, दाहिना पैर घुटने से मोड़ कर बाएं पैर के घुटने से इस तरह लगाएं कि टखना दाहिने पैर के घुटने से स्पर्श करता हुआ रहे। अब स्वास अंदर लेते हुए दोनों हाथ सीधे तने हुए रखते हुए धीरे-धीरे उठाते हुए सिर के ऊपर ले जाएँ और परस्पर जोड़ लें। थोड़ी देर इसी स्थिति में रहें, अपना ध्यान भंग ना हो इसके लिए आप अपनी आँखों को बंद रख सकते हैं।

 

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जितनी देर आप कुम्भक(स्वास अंदर, Pranayama) कर सकते हैं तब तक सांस रोकें फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए हाथ नीचे ले आएं और दाहीना पैर नीचे जमीन पर रख लें, पांच-छः बार गहरी सांस लेकर अब यही क्रिया बांया पैर घुटने से मोड़ कर दोहराएं, इस तरह दोनों पैरों से बार-बार दोहराएं। दोनों पैरों की क्रियाएं बराबर बार करें।


लाभ:



यह आसन मन को एकाग्र करने और सन्तुलित रखने में बहुत अधिक सहायक होता है, क्योंकि मन को एकाग्र और सन्तुलित रखकर ही हम शरीर को एक पैर पर खड़ा रख सकते हैं, अच्छा अभ्यास होने पर सीना तना हुआ हाथ सीधे रखते हुए दाहिने पैर के घुटने को थोड़ा सा मोड़ते हुए कमर को नीचे ले जाकर ऐसी मुद्रा बनाते हैं जैसे कुर्सी पर बैठे हैं, यह थोड़ा कठिन है, अतः शुरू में ये मुद्रा नहीं बनानी चाहिए। धीरे-धीरे अभ्यास करते हुए ये मुद्रा बनाएं, इससे एकाग्रता के साथ कमर, जांघें, पेट आदि सभी अंग सुडौल बनाते हैं।


2 . पाश्र्वत्रिकोण आसन :-



 पैरों को लगभग 3 फ़ीट के फासले पर फैला कर सीधे खड़े हो जाएँ, दाहिना हाथ उठा कर सर के ऊपर ले जाकर तना हुआ रखें। और बांया हाथ उठा कर कन्धे के बराबर में तना हुआ रखें, स्वास प्रश्वास सामान्य रूप से लेते रहें। अब बांयें पैर को घुटने से मोड़ते हुए बांयी तरफ झुकें और बांया हाथ नीचे ले जाकर बांयें पैर के तलवे के पास जमीन पर हथेली रखें, दाहिना हाथ सर के ऊपर तना हुआ रखें और भुजा कान को स्पर्श करती हुई रहे।  कुछ क्षण मन को एकाग्र करके कुछ देर इसी मुद्रा में रहें, इसके बाद मुद्रा बदल कर दूसरी तरफ झुक कर इस क्रिया को दोहराएं। ऐसा कम से कम 3 बार जरूर करें।


लाभ:



यह आसन मन को एकाग्र करने के साथ ही शरीर को भी सुडौल बनाता है। कमर, कूल्हों, कन्धों और पैरों पर खास प्रभाव करता है।


3. हस्तपादगुप्त आसन :



यह आसन  सरल होते हुए भी बहुत अधिक लाभकारी है, दोनों पैरों के घुटने मोड़ कर इस तरह बैठें कि पैरों की एड़ियों को नितम्बों के आस-पास रखें और दोनों तलवों के अंगूठे मिले हुए रहें। घुटने को जितना फैला सकें उतना फैलाएं, दोनों हाथ पीछे ले जाकर दाहिने हाथ से बांयें पैर का अंगूठा और बांयें हाथ से दांयें पैर का अंगूठा पकड़ लें, इतना करके सांस अंदर खींच लें और जितनी देर सांस रोक सकते हैं रोकें फिर छोड़ दें, पांच-छह बार गहरी सांस लेकर इस क्रिया को दोहराएं। ऐसा बार-बार करें।


लाभ:



इस आसन से दोहरा लाभ प्राप्त होता है, ऊर्जा की गति मूलाधार से सहस्त्रार तथा ब्रह्मरंध्र तक सीढ़ी प्रवाहित होती है, जिससे मस्तिष्क तेज, मन शांत और चित्त प्रसन्न होता है। इससे आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है, दूसरा लाभ शारीरिक होता है, वायु प्रकोप शांत होता है, जोड़ों को बल मिलता है।


ये तीनों आसन बहुत गुणकारी हैं, आप नियमित रूप से ये आसन  करें और स्वस्थ, सुखी और खुश रहें। ये ऐसे आसन हैं जो हर कोई कर सकता है और खासतौर पर महिलाओं को ये जरूर करने चाहिए क्योंकि पुरे परिवार को महिला ही सम्भालती है और अगर वो मन और तन दोनों से स्वस्थ रहेंगी तो अपनी family को भी अच्छी तरह से पोषित कर सकेंगी।

























6 टिप्पणियाँ

  1. […] अगर हम yoga करना भी बंद कर देते हैं तब हमारा वजन […]

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