बथुए(Chenopodium) के सेहतमंद गुण और उपयोग

अपने शरीर को स्वस्थ रखना हमारी खास जिम्मेवारी है। छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखकर हम अपने आप को निरोग रख सकते हैं। हर ऋतु में उसके अनुकूल ही सब्जियां और फल खाना हमारी सेहत के लिए लाभदायक होता है।
              
इसी तरह बथुआ सर्दियां आते ही बाजार में बहुतायत में मिलने लगता है और इसका सेवन करना हमारे लिए बहुत लाभकारी है। इसे अंग्रेजी में chenopodium कहते हैं। बथुए में लोहे(Iron) की मात्रा बहुत अधिक होती है, जिस किसी के शरीर में लोहे की मात्रा कम हो जाती है तो उसके शरीर में खून(Blood) भी कम होने लगता है।

और हमारे शरीर की शक्ति घटने लगती है। हमारा शरीर रोगग्रस्त हो जाता है। अगर हम सर्दियों में इन हरी शाक-सब्जियों का नियमित सेवन करें तो हम इन परेशानियों से खुद को बचा सकते हैं। 


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बथुए का सेवन कर हम अपने शरीर में लोहे(Iron) की मात्रा को सन्तुलित कर सकते हैं और स्वस्थ रह सकते हैं, इसमें ज्यादा मेहनत और पैसा खर्च करने की आवश्यकता नहीं है। इसके नियमित और सन्तुलित सेवन से अपने खून को अधिक लाल और रोगमुक्त बना सकते हैं।


बथुए के लाभकारी उपयोग:-


पालक, मेथी, सरसों और चने के शाक की तरह बथुए की सूखी भुजिया आसानी से बनाई जा सकती है। इसके लिए सबसे पहले बथुए को धो लें, फिर उबाल कर ठंडा कर लें और निचोड़ लें। फिर इसे अदरक और घी के साथ भून लें, पानी बिलकुल ना डालें।



इसके बाद नमक, मिर्च, आदि मसाले अपने स्वाद अनुसार डाल लें। अगर आप चाहे तो नीम्बू भी निचोड़ लें, जब शाक को निचोड़े तो उस पानी को फेंकें नहीं क्योंकि ये पानी बहुत पौष्टिक होता है, इस पानी में नीम्बू और नमक डालकर इसे पी लें और लाभ उठायें।       

 


बथुए की कढ़ी:-



बेसन और दही की कढ़ी हर घर में बनाई जाती है, इसी कढ़ी में अगर आप छोंक लगाते समय बथुए के छोटे-छोटे टुकड़े डालें तो कढ़ी का स्वाद चार गुना बढ़ जायेगा। जब भी आप बथुए की कढ़ी बनाएं तब ध्यान रखें कि पूरी पकने के बाद ही इसे आग से नीचे उतारें और ग्रहण करें। 

 


बथुए के चीले:-


जिस तरह प्याज के चीले बनाये जाते हैं उसी तरह बथुए के भी चीले बनाये जाते हैं। आप बथुआ चाहे उबाल कर प्रयोग में लाएं या काट कर ये आप की मर्जी है। बस एक बात की जरूर सावधानी रखें कि इसे अच्छी तरह साफ़ जरूर करें। कटे या उबले बथुए को बेसन के घोल में मिलाकर उसमे नमक, मिर्च स्वादानुसार डाल कर साधारण विधि अनुसार चीले बना लें। आप चाहे तो इस घोल में प्याज और अदरक भी डाल सकती हैं, इन्हें गर्म-गर्म चटनी के साथ खाएं और लाभ लें। 


बथुए का शाक:-


आवश्यकतानुसार बथुए को साफ़ कर, धोकर इसमें मूंग और चने की दाल भी डाल लें, कढ़ाई में घी डालेँ और हल्दी, जीरा, हींग का छोक लगाएं, और उसमे दही की लस्सी डालें। स्वादानुसार नमक-मिर्च डालकर अच्छी तरह उबालें। 



और जब उबाल आ जाये तो इसमें बथुआ और दोनों दालों का मिश्रण डाल दें। फिर इसे अच्छी तरह पकने दें, कुछ ही देर में स्वादिष्ट बथुए का शाक तयार है। ये भी पढ़ें:-

 

बथुए का रायता:-

अपनी जरूरतानुसार मात्रा में बथुआ साफ़ करें, छोटा-छोटा काट कर उबाल लें। चाहें तो पीसकर भी काम ले सकते हैं, अब आप दही को मथ लें। कटे या पीसे बथुए को दही में डालकर ऊपर से स्वादानुसार नमक, मिर्च और मसाला आदि डालें। इसमें आप हींग और जीरे का छौंक भी लगा सकते हैं।



आपका स्वादिष्ट, पौष्टिक और पाचक रायता तैयार है।  
तो दोस्तों, देखा आपने बथुए के गुण, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना लाभकारी है।  तो जाइये, बाजार से बथुआ लाइए और इसके लाभ उठाइये, अगर आपको इसका स्वाद पसन्द आये तो मुझे जरूर बताएं।  साथ ही अपने दोस्तों से भी जरूर share करें।    




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