बथुए का सेवन कर हम अपने शरीर में लोहे(Iron) की मात्रा को सन्तुलित कर सकते हैं और स्वस्थ रह सकते हैं, इसमें ज्यादा मेहनत और पैसा खर्च करने की आवश्यकता नहीं है। इसके नियमित और सन्तुलित सेवन से अपने खून को अधिक लाल और रोगमुक्त बना सकते हैं।
बथुए के लाभकारी उपयोग:-
पालक, मेथी, सरसों और चने के शाक की तरह बथुए की सूखी भुजिया आसानी से बनाई जा सकती है। इसके लिए सबसे पहले बथुए को धो लें, फिर उबाल कर ठंडा कर लें और निचोड़ लें। फिर इसे अदरक और घी के साथ भून लें, पानी बिलकुल ना डालें।
बथुए की कढ़ी:-
बथुए के चीले:-
जिस तरह प्याज के चीले बनाये जाते हैं उसी तरह बथुए के भी चीले बनाये जाते हैं। आप बथुआ चाहे उबाल कर प्रयोग में लाएं या काट कर ये आप की मर्जी है। बस एक बात की जरूर सावधानी रखें कि इसे अच्छी तरह साफ़ जरूर करें। कटे या उबले बथुए को बेसन के घोल में मिलाकर उसमे नमक, मिर्च स्वादानुसार डाल कर साधारण विधि अनुसार चीले बना लें। आप चाहे तो इस घोल में प्याज और अदरक भी डाल सकती हैं, इन्हें गर्म-गर्म चटनी के साथ खाएं और लाभ लें।
बथुए का शाक:-
आवश्यकतानुसार बथुए को साफ़ कर, धोकर इसमें मूंग और चने की दाल भी डाल लें, कढ़ाई में घी डालेँ और हल्दी, जीरा, हींग का छोक लगाएं, और उसमे दही की लस्सी डालें। स्वादानुसार नमक-मिर्च डालकर अच्छी तरह उबालें।
बथुए का रायता:-
अपनी जरूरतानुसार मात्रा में बथुआ साफ़ करें, छोटा-छोटा काट कर उबाल लें। चाहें तो पीसकर भी काम ले सकते हैं, अब आप दही को मथ लें। कटे या पीसे बथुए को दही में डालकर ऊपर से स्वादानुसार नमक, मिर्च और मसाला आदि डालें। इसमें आप हींग और जीरे का छौंक भी लगा सकते हैं।
तो दोस्तों, देखा आपने बथुए के गुण, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना लाभकारी है। तो जाइये, बाजार से बथुआ लाइए और इसके लाभ उठाइये, अगर आपको इसका स्वाद पसन्द आये तो मुझे जरूर बताएं। साथ ही अपने दोस्तों से भी जरूर share करें।
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