जीवन का आधार परिवर्तन है, जिस तरह युवावस्था में मासिक धर्म का आना मातृत्व का संकेत है, तो इसी से जुड़ा परिवर्तन रजोनिवृति है, इसका मतलब है स्त्री में माँ बनने की क्षमता खत्म हो रही है। एक महिला के जीवन में ये एक बहुत भारी परिवर्तन माना जाता है।
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ये परिवर्तन स्त्रियों के लिए बहुत असहज होता है, इसे वो आसानी से स्वीकार नहीं कर पाती। जिस तरह युवावस्था में मासिक-धर्म का आना एक युवती के पूर्ण होने का प्रतीक है, वहीं रजोनिवृति के आने का मतलब वृद्धावस्था का आना। ये भी एक सामान्य शारीरिक परिवर्तन है।
तो चलिए आज हम रजोनिवृति के बारे पूर्ण चर्चा करें और इसे सहज परिवर्तन बनाएं:-
· रजोनिवृति(Menopause) है क्या:-
जिस तरह युवावस्था आने पर मासिक-धर्म(Menstruation) शुरू होता है, उसी तरह वृद्धावस्था आने पर ये बंद हो जाता है। 40-45 वर्ष की उम्र तक आते-आते मासिक-धर्म स्वतः ही बन्द हो जाता है, और मासिक-धर्म का बंद होना रजोनिवृति कहलाता है।
वैसे तो यह स्त्री शरीर की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है लेकिन कभी-कभी इसमें कई ऐसे शारीरिक उल्ट-फेर होते हैं कि स्रियाँ अपने आप को बीमार समझने लगती हैं। ये एक साधारण परिवर्तन होते हुए भी एक रोग माना जाने लगा है, रजोनिवृति इस बात का सूचक है कि स्त्री गर्भधारण(Pregnancies) करने और बच्चे पैदा करने योग्य अब नहीं है।
· रजोनिवृति के लक्षण:-
इस परिवर्तन से स्त्रियों(Females) में कुछ ख़ास परेशानी और मुश्किल नहीं होती, बस मासिक-स्राव(Menstruation) धीरे-धीरे कम होने लगता है। और बाद में बिलकुल बंद हो जाता है। इस समय निम्न लक्षण होते हैं:-
- सिर में चक्कर
- पसीना आना
- दिल की धड़कन बढ़ना
- मन में उदासी छाना
- चेहरे में तमतमाहट महसूस
- घबराहट होना
- हाजमे और पेट सम्बंधित शिकायत होना
- चिड़चिड़ापन होना
- जी मिचलाना, उलटी होना
- कब्ज होना
- मुंह का स्वाद बिगङना
इन सब लक्षणों के साथ ही मासिक-धर्म धीरे-धीरे बंद हो जाता है। कुछ स्त्रियों में गर्दन दर्द भी देखा गया है, हाथ पाँव सुन्न जैसे भी हो जाते हैं, कई स्त्रियों में कमर दर्द और जोड़ों का दर्द भी महसूस होता है।
· मानसिक तनाव:-
रजोनिवृति(Menopause) की अवस्था में कुछ स्त्रियों में मानसिक तनाव बढ़ जाता है, कुछ इसे साधारण परिवर्तन मान कर स्वीकार कर लेती हैं। कुछ स्त्रियों में हमेशा जवान बने रहने प्रबल ईच्छा रहती है, और वो बुढापे के नाम से चिड़ती हैं इसलिए वो इस परिवर्तन को सहज स्वीकार नहीं कर पाती। और मानसिक तनाव से घिर जाती हैं।
· विशेष:-
कुछ स्त्रियों में देखा गया है कि मासिक-स्त्राव २,३,४ या ६ महीने तक बंद रहने के बाद भी फिर से शुरू हो जाता है, पहले से ज्यादा मात्रा में होता है और फिर बन्द हो जाता है। और इसी कारण ऐसी अवस्था में एक खास खतरा सामने आने की सम्भावना बनती है और वो है गर्भाशय(Uterus) का कैंसर।
जब मासिक-धर्म बंद होने के बाद दुबारा शुरू होता है और फिर से बन्द हो जाता है तो ये गर्भाशय के कैंसर का एक स्पष्ट संकेत है। अगर ऐसा आपके साथ होता है तो इसमें लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए, बल्कि तुरन्त अपने महिला डॉक्टर से सलाह जरूर करें।
अक्सर इस तरह की स्थिति में रक्त स्त्राव के समय किसी तरह का दर्द नहीं होता, इसी कारण स्त्रियां इसे साधारण समझ लेती हैं। इसीका नतीजा ये होता है कि ये लापरवाही एक बड़ी मुसीबत का रूप ले लेती है और आगे चलकर लाइलाज(Incurable) भी हो जाती है।
आखिर में मैं अपनी सभी सखियों को यही कहना चाहूंगी कि रजोनिवृति एक आवश्यक और साधारण परिवर्तन है इसे सहज ही समझें और इससे खुद को तनाव में ना लाएं और हर परिवर्तन की तरह इसे भी आसानी से स्वीकार करें और अपने जीवन का आनन्द लें।
Women always ignore this topic...but as you say it should be dealt with extreme care.
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