हमारा शरीर स्वस्थ और बलवान बना रहे, शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति बनी रहे ताकि शरीर रोगों के आक्रमण का मुकाबला कर सके, सोयाबीन protein का राजा माना जाता है। इसके लिए हमें अपने आहार में पोषक-तत्वों से युक्त पदार्थों को शामिल करना होगा। ऐसे ही आज मैं एक पोषक आहार-द्रव्य(Substance) सोयाबीन से बनाये जाने वाले खाद्य-व्यंजनों की विधियां प्रस्तुत कर रही हूँ -:
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image source: agrodaily.com[/caption]
सोयाबीन का दूध, गाय, भैंस के दूध से ज्यादा पौष्टिक(Nutritious) होता है, इसलिए इस दूध का सेवन हम बिना किसी डर के कर सकते हैं। जिनको गाय, भैंस का दूध उपलब्ध ना हो वो सोयाबीन का दूध काम में ले सकते हैं।
सोयाबीन का दूध बनाने की 4 विधियाँ हैं, दूध किसी भी विधि से बनाया जाये इसकी गुणवत्ता में कोई कमी नहीं होगी -:
Yellow सोयाबीन का दूध ज्यादा अच्छा बनता है, वैसे green सोयाबीन का भी दूध बना सकते हैं। 1 लीटर दूध बनाने के लिए हमे 100 ग्राम सोयाबीन को पानी में भिगो कर 12 hours के लिए छोड़ देना होता है, जब ये दाने पूरी तरह फूल जाएँ तो इनको सिल पर पीसकर पेस्ट जैसा बना लेना है.
ये paste वजन में double हो जाता है। यानि 100 ग्राम double होकर 200 ग्राम हो जाता है, अब इस २०० ग्राम से 4 गुना ज्यादा यानि 800 ग्राम पानी मिलाकर उसे अच्छी तरह घोल लें और फिर मोटे cloth से छान लें।
अब ये 1 लीटर दूध तैयार है, इसे हल्की आँच पर 20-25 मिनिट तक उबालें। फिर इसमें 1/2 चम्मच इलायची powder डाल कर हिलाते हुए गर्म करें ताकि तले में ना लगे। जब दूध अच्छी तरह पक जाता है तब वो उफनना बंद हो जाता है, अब दूध पीने के लिए तैयार है, अब जब, जितनी जरुरत हो दूध में इलायची(Cardamom) पाउडर डाले और प्रयोग में लायें।
सोयाबीन को सुखा ही महीन पीसकर ३ गुना पानी में भिगोकर अच्छी तरह मसल(saw) कर, कपड़े से छान(Filteration) लें और इसे 20-25 मिनिट गर्म करके उततार लें औए फिर ठंडा कर लें। दूध प्रयोग के लिए तैयार है।
सोयाबीन का महीन पीसा हुआ आटा लें और फिर उसे 2 लीटर गर्म पानी में डाल कर उबालें, बार-बार हिलाते रहें ताकि गांठें ना पढ़ें, फिर नीचे उतार कर साफ़ कपड़े से छान लें। दूध तैयार है।
सोयाबीन का महीन पीस आटा लें और फिर उसे 6 गुना पानी में अच्छी तरह घोल बना लें, खूब अच्छी तरह पानी में घोल कर कपड़े से छान कर धीमी आंच पर गर्म करें। 2-3 उबाल आने पर नीचे उतार कर ठंडा करें। दूध तैयार है। सोयाबीन का दूध बच्चे से बूढ़े तक, स्वस्थ से अस्वस्थ और स्त्री से पुरुष तक सबके लिए अत्यंत गुणकारी है।
जैसे गाय, भैंस के दूध के समान सोयाबीन के दूध से भी दही बनता है, जो गुणवत्ता में दूसरे दूध से ज्यादा लाभकारी है। अगर बताया ना जाये तो कोई नहीं बता सकता कि दही सोयाबीन का है। सोयाबीन का दूध लेकर स्टील के भगोने या मिटटी की हांडी(Handi) में दूध डालकर थोड़ा गर्म रहे तभी गाय के दूध से जमे दही का जामन(Sourdough) लगाकर रात भर के लिए जमा दें। 8 घण्टे बाद दही जम जायेगा, दूसरे दिन सोयाबीन के दही के जामन से ही दही जमाएं।
सोयाबीन को 12 घण्टे पानी में भिगो कर निकाल लें छिलका हटा कर सिल पर पीस लें। अब इस मिश्रण में 3 गुना पानी डाल कर अच्छी तरह मिला लें, फिर धीमी आंच पर 15-20 मिनिट गर्म करें। जब उबलने लगे तो इसमें नीम्बू निचोड़ कर पनीर बना लें। कपड़े से छान कर पानी अलग और पनीर अलग कर लें। ये उत्तम किस्म का पनीर होता है।
तो देखा अपने सोयाबीन हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना फायदेमंद है, आप भी इसका भरपूर लाभ उठायें और स्वस्थ रहें, मस्त रहें।
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सोयाबीन का दूध, गाय, भैंस के दूध से ज्यादा पौष्टिक(Nutritious) होता है, इसलिए इस दूध का सेवन हम बिना किसी डर के कर सकते हैं। जिनको गाय, भैंस का दूध उपलब्ध ना हो वो सोयाबीन का दूध काम में ले सकते हैं।
सोयाबीन का दूध बनाने की 4 विधियाँ हैं, दूध किसी भी विधि से बनाया जाये इसकी गुणवत्ता में कोई कमी नहीं होगी -:
1.पहली विधि:-
Yellow सोयाबीन का दूध ज्यादा अच्छा बनता है, वैसे green सोयाबीन का भी दूध बना सकते हैं। 1 लीटर दूध बनाने के लिए हमे 100 ग्राम सोयाबीन को पानी में भिगो कर 12 hours के लिए छोड़ देना होता है, जब ये दाने पूरी तरह फूल जाएँ तो इनको सिल पर पीसकर पेस्ट जैसा बना लेना है.
ये paste वजन में double हो जाता है। यानि 100 ग्राम double होकर 200 ग्राम हो जाता है, अब इस २०० ग्राम से 4 गुना ज्यादा यानि 800 ग्राम पानी मिलाकर उसे अच्छी तरह घोल लें और फिर मोटे cloth से छान लें।
अब ये 1 लीटर दूध तैयार है, इसे हल्की आँच पर 20-25 मिनिट तक उबालें। फिर इसमें 1/2 चम्मच इलायची powder डाल कर हिलाते हुए गर्म करें ताकि तले में ना लगे। जब दूध अच्छी तरह पक जाता है तब वो उफनना बंद हो जाता है, अब दूध पीने के लिए तैयार है, अब जब, जितनी जरुरत हो दूध में इलायची(Cardamom) पाउडर डाले और प्रयोग में लायें।
2.दूसरी विधि:-
सोयाबीन को सुखा ही महीन पीसकर ३ गुना पानी में भिगोकर अच्छी तरह मसल(saw) कर, कपड़े से छान(Filteration) लें और इसे 20-25 मिनिट गर्म करके उततार लें औए फिर ठंडा कर लें। दूध प्रयोग के लिए तैयार है।
3. तीसरी विधि:-
सोयाबीन का महीन पीसा हुआ आटा लें और फिर उसे 2 लीटर गर्म पानी में डाल कर उबालें, बार-बार हिलाते रहें ताकि गांठें ना पढ़ें, फिर नीचे उतार कर साफ़ कपड़े से छान लें। दूध तैयार है।
4. चौथी विधि:-
सोयाबीन का महीन पीस आटा लें और फिर उसे 6 गुना पानी में अच्छी तरह घोल बना लें, खूब अच्छी तरह पानी में घोल कर कपड़े से छान कर धीमी आंच पर गर्म करें। 2-3 उबाल आने पर नीचे उतार कर ठंडा करें। दूध तैयार है। सोयाबीन का दूध बच्चे से बूढ़े तक, स्वस्थ से अस्वस्थ और स्त्री से पुरुष तक सबके लिए अत्यंत गुणकारी है।
सोयाबीन का दही:-
- दही(Curd) की पहली विधि:-
जैसे गाय, भैंस के दूध के समान सोयाबीन के दूध से भी दही बनता है, जो गुणवत्ता में दूसरे दूध से ज्यादा लाभकारी है। अगर बताया ना जाये तो कोई नहीं बता सकता कि दही सोयाबीन का है। सोयाबीन का दूध लेकर स्टील के भगोने या मिटटी की हांडी(Handi) में दूध डालकर थोड़ा गर्म रहे तभी गाय के दूध से जमे दही का जामन(Sourdough) लगाकर रात भर के लिए जमा दें। 8 घण्टे बाद दही जम जायेगा, दूसरे दिन सोयाबीन के दही के जामन से ही दही जमाएं।
- दही की दूसरी विधि:-
एक कप खौलता पानी लेकर उसमे 100 मिली मैग्नीशियम क्लोराइड(MgCl2) घोल दें और ठंडा करके शीशी में भर कर रख दें, अब सोयाबीन के दूध में इसकी कुछ बूंदें टपका कर दही जमा लें, सोयाबीन का बढ़िया दही तैयार मिलेगा।
सोयाबीन का पनीर:-
सोयाबीन को 12 घण्टे पानी में भिगो कर निकाल लें छिलका हटा कर सिल पर पीस लें। अब इस मिश्रण में 3 गुना पानी डाल कर अच्छी तरह मिला लें, फिर धीमी आंच पर 15-20 मिनिट गर्म करें। जब उबलने लगे तो इसमें नीम्बू निचोड़ कर पनीर बना लें। कपड़े से छान कर पानी अलग और पनीर अलग कर लें। ये उत्तम किस्म का पनीर होता है।
तो देखा अपने सोयाबीन हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना फायदेमंद है, आप भी इसका भरपूर लाभ उठायें और स्वस्थ रहें, मस्त रहें।
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