त्रिफला- गुण और इसके 11 अचूक लाभ


आज की भागदोड़ भरी जिंदगी में इंसान इस कदर फस गया है कि अपने स्वास्थ्य की तरफ ध्यान ही नहीं दे रहा और इसका नतीज़ा है उसका स्वास्थ्य दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है। और आज का युग सिर्फ कड़ी मेहनत का युग नहीं है बल्कि मेहनत के साथ आपको पूरी तरह से एक्टिव और स्मार्ट तरीके से काम करना पड़ता है।


इस तरह काम से आपको बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, और इसके लिए सबसे पहली बात अगर जरुरी है तो वो कि आप अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान दें, आप हष्ट-पुष्ट हों। और इस तरह की फुल फिटनेस वाली लाइफ के लिए आपको रोजमर्रा की जिंदगी में बहुत सारे बदलाव लाने होंगें।



त्रिफला के गुण



 

इसके लिए आपको अपनी दिनचर्या को पूरी तरह बदलना होगा, जैसे सुबह उठने से लेकर, अपने खाने में भी बदलाव आवश्यक है। जैसे- जैसे हम उन्नति करते हैं वैसे-वैसे शारीरिक रूप से बेशक अच्छे हों लेकिन व्यस्तता के चलते मानसिक रूप से बहुत कमजोर हो जाते हैं लेकिन हमे जब तक अहसास होता है.

तब तक बहुत देर हो चुकी होती है और हमे बहुत तरह की बीमारियां घेर लेती हैं और हमारे पास सिर्फ हाथ मलने के अलावा कुछ शेष नहीं रह जाता। हम उम्र से पहले बूढ़े लगने लगते हैं और बार-बार बीमार भी होते हैं.

ये एक तरह की दस्तक होती है कि हम अपनी और ध्यान नहीं दे रहे। मानो ये हमारे लिए एक तरह की चेतावनी है, तो दोस्तों क्यों न हम ये दिक्कत आने से पहले ही अपनी केयर करना शुरू करें।

त्रिफला क्या है ?


त्रिफला एक आयुर्वेदिक दवा है जो रसायन या कायाकल्प के नाम से जानी जाती है। त्रिफला तीन प्रकार की जड़ी- बूटी का मिश्रण है- अमलकी (एमब्लिका ऑफिसिनालिस), हरीतकी (टर्मीनालिया छेबुला ), और विभीतकी (टर्मिनालिया बेलिरिक ) . 

 त्रिफला के औषधीय गुण-






आयुर्वेद में त्रिफला को स्वास्थ्य का कायाकल्प करने वाली औषधि माना गया है। त्रिफला आयुर्वेदिक दवा है, इसका वर्णन चरकसंहिता में सबसे पहले अध्याय में किया गया है। त्रिफला, अमलकी , हरीतकी और विभतकी का शक्तिशाली मिश्रण है जो किसी भी रोग को दूर भागने की क्षमता रखती है।



 1. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये: 


जो लोग कमजोर प्रतिरोधक क्षमता के कारण बार-बार बीमार पड़ते हैं, उनके लिए त्रिफला कारगर साबित होता है। इसके सेवन से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, और इंसान रोगों से लड़ने की ताकत रखता है।

इसके अलावा इससे शरीर में एंटीबॉडी की मात्रा भी बढ़ती है जो एंटीजन के खिलाफ लड़ते हैं और शरीर को कीटाणुओं से मुक्त रखते हैं। त्रिफला में उम्र बढ़ने वाले कारक भी कम होते हैं, इस वजह से त्रिफला का सेवन करने वालों की उम्र सदैव कम दिखाई देती है। 

  2. पेट के रोगों में लाभदायक :


पाचन की समस्या से ये निजात दिलाता है, त्रिफला की तीनों जड़ी-बूटियाँ (हरड़, बहेड़ा, और आंवला) शरीर की अंदरूनी सफाई करती है। त्रिफला चूर्ण को गो मूत्र के साथ लेने से पेट का अफारा, पेट दर्द, प्लीहा वृद्धि आदि समस्या दूर होती है।

हल्के दस्त आने पर ही नहीं बल्कि गैस बनने से भी काफी आराम मिलता है। आँतों से पित्त रस निकलता है जो पेट को उत्तेज़ित करता है और अपचन की दिक्कत खत्म करता है। 

 3. कब्ज़ में कारगर उपाय:


इसके सेवन से पुरानी से पुरानी कब्ज़ से राहत मिलती है, रात को सोते समय 5 ग्राम त्रिफला चूर्ण को गर्म दूध के साथ या गर्म पानी के साथ लेने से कब्ज़ में आराम मिलता है। त्रिफला शरीर में डिटॉक्सीफिकेशन में मदद करता है। 

 4. आँखों के लिए लाभदायक:


सुबह पानी में 5 ग्राम त्रिफला चूर्ण भिगो कर रख दें, शाम को छानकर पी लें। शाम को उसी पानी में मिलाकर रखें, और फिर उसी पानी से अपनी आँखों पर छींटे लगाएं। ऐसा करने से मुंह के छाले और आँखों में होने वाली जलन से जल्द ही राहत मिल जाएगी। 

5.एनीमिया: 

एनीमिया यानि हीमोग्लोबिन की मात्रा में कमी होने की स्थिति में अगर त्रिफला चूर्ण का सेवन किया जाये तो ये फायदेमंद साबित होता है। ये शरीर में लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण करता है, जिससे हीमोग्लोबिन की कमी पूरी होती है। 

 6. चर्मरोग: 


त्रिफला किसी भी तरह के चर्मरोग से छुटकारा दिलाता है, अगर रोजाना सुबह और शाम त्रिफला चूर्ण 7-8 ग्राम मात्रा का सेवन किया जाये तो त्वचा की सभी बीमारियों जैसे खाज-खुजली, दाद, और फोड़े-फुंसी से तुरन्त आराम मिलता है। 

 7. मधुमेह: 


मधुमेह के उपचार में त्रिफला काफी मददगार साबित होता है, ये पेनक्रियाज को उत्तेजित करने में मदद करता है जिससे इन्सुलिन की मात्रा उतपन्न होती है। शरीर में इन्सुलिन की उचित मात्रा शर्करा के स्तर को बनाये रखने में मदद करती है। 

8. एक्टिव बनाता है: 


अगर आप काम करते-करते थकान महसूस करते हैं तो नियमित रूप से त्रिफला का सेवन करें, आप हमेशा तंदुरुस्त और एक्टिव रहेंगे। 

9. मोटापा: 


अगर आपका वजन बढ़ गया है तो आपको इस और सीरियस हो जाना चाहिए, क्यों कि अगर मोटापा आता है तो वो अकेला नहीं आता , अपने साथ हजारों बीमारियों को भी लाता है।

जो लोग अपने मोटापे से परेशान हैं, और इससे निजात पाना चाहते हैं तो उन्हें रोजाना त्रिफला का सेवन करना चाहिए, त्रिफला चूर्ण को पानी में उबाल कर उसममें शहद मिलाकर उसको पियें, त्रिफला मोटापे से होने वाली वसा को घटाता है। 

 10 . सांस सम्बन्धी रोग से मुक्ति:   


त्रिफला सांस सम्बन्धी रोगों में लाभदायक है, इसके सेवन से जो असुविधा सांस लेने में उतपन्न होती है उसमे आराम मिलता है, फेफड़ों में होने वाले संक्रमण से मुक्ति मिलती है। 

11. बाल सम्बन्धी दिक्कत:

 जिन लोगों के बाल बहुत झड़ते हों और रूखे, बेजान और पतले हो रहे हों उनको रोज त्रिफला सेवन करना चाहिये। इससे उनके बाल चमकीले, घने होंगे।  त्रिफला एक में अनेक गुण समेटे है.

इसके नियमित सेवन से अनेकों बीमारियों से निजात पाकर आप एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकते हैं। तो दोस्तों इंतजार किस बात बात का, आज और अभी से अपना ध्यान रखना शुरू कीजिये।

 ऊपर दी गयी जानकारी को आप अपने डॉक्टर से परामर्श लेकर ही उपयोग करें। 


आपको मेरा ये लेख कैसा लगा, आप अपनी राय मुझे अवश्य दें, मुझे आपके कमेंट्स का इंतजार रहेगा।



 


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